मोदी सरकार को आज यानी 9 जून को 11 साल पूरे हो गए हैं. इसी दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला किया. सपा प्रमुख ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, एक हिंदी कहावत है एक पे एक ग्यारह, और दूसरी है नौ दो ग्यारह, लेकिन मेरा सवाल सिर्फ 11 साल का नहीं है, अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली सरकार के 11 साल और उत्तर प्रदेश सरकार के 9 साल मिलाकर कुल 20 साल होते हैं. इन 20 वर्षों का हिसाब जनता को देना होगा. सरकार को तमाम क्षेत्रों में अपने कामकाज का लेखा-जोखा पेश करना चाहिए.
सरकार के 11 साल पूरे होने पर अखिलेश यादव ने मोदी सरकार पर सवालों की बौछार की. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, शिक्षा के क्षेत्र में हम कितने पिछड़ गए? रोजगार देने में सरकार कितनी सफल रही? जिन निवेशों की बात की गई थी, उनमें से कितना निवेश असल में आया?
“दिल्ली-लखनऊ के बीच तालमेल नहीं दिखता”
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लोग इसलिए ज्यादा आकलन करेंगे क्योंकि देश के प्रधानमंत्री इसी राज्य से आते हैं. दिल्ली और लखनऊ के बीच तालमेल नहीं दिखाई देता. अखिलेश ने आगे कहा, दिल्ली और लखनऊ के बीच कोई तालमेल है, ऐसा नहीं लगता. यह मैं नहीं कह रहा, यह इनकी योजनाओं में साफ दिखता है. उन्होंने सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा, जो गांव गोद लिए गए, अगर उनकी तस्वीर नहीं बदली, तो प्रश्न चिह्न लगता है और यह प्रश्न चिह्न उत्तर प्रदेश सरकार पर लगता है.
“बीजेपी में आंतरिक खींचतान”
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर आंतरिक खींचतान का आरोप लगाते हुए कहा, यहां जितने लोग बीजेपी में बैठे हैं, वे एक-दूसरे के सिर से टकरा रहे हैं. कोई ऐसा विभाग नहीं है, जहां खींचतान न चल रही हो. गांवों में अब भी गंदगी भरी हुई है.
किसानों-बेरोजगारी को लेकर सरकार को घेरा
सपा प्रमुख ने किसानों की समस्याओं पर सरकार को घेरा. उन्होंने सवाल उठाया, फसलों का कोई एरियल सर्वे करता है क्या? आपको खुद जाकर किसानों का सामना करना चाहिए, जो आप करना नहीं चाहते. आखिर में उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश में आज भी बड़े पैमाने पर लोग बेरोजगारी और महंगाई से जूझ रहे हैं. कार्यवाहक डीजीपी को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, जब स्थायी सरकार बनेगी, तभी प्रदेश को स्थायी डीजीपी मिलेगा. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब 2027 के बाद ही उत्तर प्रदेश को स्थायी डीजीपी मिल पाएगा.