भारतीय वायुसेना को अब हवा में मार करने वाली एक नई और ताकतवर मिसाइल मिलने वाली है. इस मिसाइल का नाम है गांडीव, जो एस्ट्रा Mk-III मिसाइल का नया और एडवांस वर्जन है. यह मिसाइल 300 से 350 किलोमीटर तक की दूरी पर दुश्मन के लड़ाकू विमानों को मार गिराने की क्षमता रखती है. गांडीव मिसाइल को DRDO ने भारत में ही बनाया है. यह मिसाइल ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. हाल ही में ओडिशा के बालासोर में इसका जमीन से पहला टेस्ट सफल रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, अब इसकी हवा से फायरिंग की तैयारी है. इस मिसाइल का अब अगला टेस्ट सुखोई Su-30MKI फाइटर जेट से किया जाएगा. फिलहाल इसके कैप्टिव कैरिज ट्रायल्स चल रहे हैं. यानी मिसाइल को विमान पर रखकर उसकी सभी इलेक्ट्रॉनिक जांच की जा रही है. गांडीव मिसाइल को खास तकनीक से तैयार किया गया है, जिसमें रैमजेट इंजन का इस्तेमाल हुआ है.
गांडीव मिसाइल की तकनीकी विशिष्टताएं
इसका मतलब ये है कि यह मिसाइल हवा से ऑक्सीजन लेकर उड़ान भरती है, जिससे इसे ज़्यादा दूरी तक, ज़्यादा रफ्तार से उड़ने में मदद मिलती है. इसकी स्पीड मैक 4.5 तक हो सकती है. यानी ये आवाज की रफ्तार से चार गुना तेज उड़ सकती है. दुश्मन की मिसाइलों से ज़्यादा ताकतवर गांडीव को इस तरह बनाया गया है कि यह चीन की PL-15 और पाकिस्तान की AIM-120 मिसाइलों से कहीं ज़्यादा ताकतवर है.
भारतीय वायुसेना में गांडीव का भविष्य
यह 20 किलोमीटर ऊंचाई पर 340 किलोमीटर और 8 किलोमीटर ऊंचाई पर 190 किलोमीटर दूर तक अपने टारगेट को मार सकती है. यह मिसाइल दुश्मन के स्टील्थ फाइटर, बमवर्षक और एरियल वॉर्निंग सिस्टम जैसे बड़े टारगेट्स को भी मार सकती है. इसके पास ऐसे सेंसर हैं जो बीच उड़ान में दिशा बदलने और दुश्मन के मूवमेंट के हिसाब से खुद को एडजस्ट करने की क्षमता रखते हैं.
डिफेंस सूत्रों के मुताबिक, गांडीव को आगे तेजस, मिग-29, राफाल और भविष्य के लड़ाकू विमान AMCA में भी फिट करने की योजना है. अगर आने वाले परीक्षण सफल रहते हैं, तो यह मिसाइल भारतीय वायुसेना की ताकत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा सकती है.